गर्भावस्था में क्या खायें क्या ना खायें।

प्रेग्नेंसी में सावधानी पूर्वक ही सब्ज़ी खाएं-

बैगन-
वैसे तो बैगन में बहुत सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं किन्तु गर्भावस्था के समय गर्भवती महिलाओं को बेगुन ( बैगन) खाने से मना किया जाता है क्योंकि यह शरीर में गर्मी को पैदा करती है और यह अम्ल ( एसिडिक) भी होती है जिससे आपकी प्रेगनेंसी को बहुत हानि पहुंच सकती है। बैगन में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो आपकी पीरियड को लाने में मदद करती है इसी कारण इसे प्रेगनेंसी में नहीं खाना चाहिए इससे गर्भपात होनें की संभावना बढ़ जाती है।
यहां एक महत्वपूर्ण जानकारी मैं साझा करना चाहूँगी। कि उड़ीसा की प्रेगनेंट महिलाओं के द्वारा कच्चा बैगन और कच्चा आलू भी खाते हैं। यदि ऐसा होता तो वहां की महिलाएं तो बिना संतान के ही रहती।
प्रेग्नेंसी कोई बीमारी नहीं है।डाक्टर नागरिया के अनुसार -
"प्रेग्नेंसी के समय शरीर में हर तत्व की आवश्यकता बढ़ जाती है। और इनकी पूर्ति इन्हीं सब्ज़ी फलों और अनाजों से होती है। अतः आप सब कुछ खाइये और इंजॉय करिए।"
प्रेगनेंसी में अंकुरित अनाज खाना -
फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक स्प्राउटेड ग्रेंस यानी अंकुरित अनाज को गर्भवती को खाने से बचना चाहिए क्योंकि अंकुरित अनाज में सालमोनेला, लिस्टरिया और ए कोलाइ जैसे खतरनाक बैक्टीरिया पाए जाते हैं जिससे गर्भवती या गर्भ में शिशु को हृदय रोग होने की संभावना बढ़ जाती है संक्रमण का खतरा हो सकती है। और यहां तक की गर्भवती को गर्भपात और समय पूर्व प्रसव भी हो सकता है।
प्रेगनेंसी में पत्ता गोभी खाना-

आम महिलाओं तुलना में गर्भवती महिला का शरीर बहुत ही जल्दी किसी भी रोगों का शिकार हो जाती है पत्ता गोभी को कई सारे कीटनाशक (पेस्टीसाइड्स) दवाइयों से उगाया जाता है और यह कीटनाशक दवाइयों का असर पत्ता गोभी में फसल कटने के बाद भी रह सकती है जिससे गर्भवती को और गर्भ में शिशु को इससे नुकसान हो सकता है इसलिए गर्भवती को पत्ता गोभी खाने से मना किया जाता है।
लेकिन आप इसे नहीं खाते हैं तो इसके लाभों से भी वंचित रह सकते हैं। तो इसका एक उपाय है -
यदि आप आर्गेनिक खेती से उत्पन्न पत्तागोभी खाते हैं तो आपको उसका लाभ अवश्य मिलेगा।
प्रेगनेंसी में करेला खाना -
करेला गर्भ में शिशु के विकास में मदद करता है गर्भवती को करेला एक सीमित मात्रा में जरूर खाना चाहिए लेकिन हम आपको बता दें करेला के बीज में vicine नाम का केमिकल तत्व पाया जाता है जो गर्भवती और शिशु के लिए हानिकारक हो सकता है। प्रेगनेंसी में करेला के बीज को खाने से गर्भवती को जी मिचलाना, खून की कमी, बुखार, अपच और गर्भपात हो सकती है। हो सके तो करेला खाने से आपको बचना चाहिए।
उपाय - आप करेले को उबाल कर बीज अलग कर केवल स्टफ करेले में आलू का प्रयोग कर सकते हैं। इस प्रकार करेले के लाभ से वंचित नहीं रहेंगे।

प्रेगनेंसी में अदरक खाना-

वैसे तो अदरक प्रेगनेंसी में काफी उपयोगी सब्जियों में से एक है इस अदरक का इस्तेमाल गर्भावस्था में जी मिचलाना और मॉर्निंग सिकनेस की समस्या को कम करने के लिए किया जाता है लेकिन अगर अदरक का इस्तेमाल प्रेगनेंसी में ज्यादा किया 
जाए तो इससे गर्भवती का गर्भपात भी हो सकता है खासकर गर्भवती को प्रेगनेंसी के पहले 3 महीने तक अदरक का इस्तेमाल भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
लेकिन तीन महीने के बाद थोड़ा बहुत कर सकते हैं। जिससे फ्रेसनेस फील होगी।
प्रेगनेंसी में तुलसी के पत्ते खाना-

तुलसी के लाभ से सभी परिचित हैं। क्योंकि आप यह निश्चित रुप से जानते होंगे कि तुलसी के पत्ते के लाभ बहुत सारे हैं और प्रेगनेंसी में भी गर्भवती को तुलसी का पत्ता खाना चाहिए लेकिन तुलसी के पत्ते में Eugenol की मात्रा ज्यादा होने के कारण गर्भवती को प्रेगनेंसी में अधिक मात्रा में तुलसी के पत्ते को नहीं खाना चाहिए क्योंकि इससे गर्भाशय में संकुचन बढ़ सकता है और गर्भवती का गर्भपात भी हो सकता है।
प्रेगनेंसी में पपीता खाना -

पपीता को फल और सब्जियों के रूप में खाया जाता है और इसमें कई सारे पोषक तत्व भी होते हैं जो हमारे शरीर के लिए जरूरी होती हैं लेकिन गर्भवती को कच्चा पपीता खाने से बिल्कुल परहेज करना चाहिए क्योंकि पपीता में पाया जाने वाला लेटेक्स गर्भवती के गर्भाशय में संकुचन को बढ़ा सकता है और गर्भवती का गर्भपात भी हो सकता है इसलिए पपीते की सब्जी गर्भवती को खाने से बिल्कुल परहेज करना चाहिए।
उपाय - लेकिन कच्चा ना सही पका पपीता तो खा ही सकते हैं। पपीता में विटामिन - k, पाया जाता है जो शिशु के नाखूनों, त्वचा, बाल को मज़बूत और सुंदर बनाता है।

अत: आप इन सभी तरह के सब्ज़ियों का सेवन करें। और आनंदित रहें, सकारात्मक रहें खुश रहें, स्वस्थ रहें।

आप कुछ भी खाएं लेकिन इसके साथ ही सकारात्मक बनें रहें इससे बड़ा कोई हेल्थ टॉनिक नहीं।