● नियमित रूप से व्यायाम करें।
● एक जन्म योजना (बर्थ प्लानिंग) लिखें, जिसमें गर्भधारण के दिन से प्रसव तक के सभी विवरण अंकित करें।
● अपने आप को गर्भ से संबंधित सभी विषयों में शिक्षित करें।
● वजन उठाने से बचें।
● अपने वजन को ट्रैक करें । संभव हो तो साप्ताहिक वजन नोट करें, जिससे आपके डॉक्टर को आपकी देखभाल करने सरलता हो।
● आरामदायक जूते पहनें। हील वाली सेंडल या जूते ना पहनें।
● फोलेट युक्त खाद्य पदार्थ (दाल, शतावरी, संतरा, गरिष्ठ अनाज) खाएं।
● कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ (दूध से बने खाद्य पदार्थ, डिब्बाबंद मछली, सोया) खाएं।
● फाइबर युक्त भोजन करें।
● नरम चीज नहीं खाएं (ब्री और फीटा जैसी अस्वाभाविक शैली में बैक्टीरिया हो सकते हैं जो बुखार, गर्भपात या गर्भावस्था की जटिलताओं का कारण बन सकते हैं)।
● ओवरईट न करें। आपको प्रति दिन केवल 300-500 अतिरिक्त कैलोरी की आवश्यकता होती है। खाने की डायरी रखें।
● कैफीन को सीमित करें।
● पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ लें (प्रति दिन छह-औंस पानी का गिलास)।
● शराब न पिएं।
● सनस्क्रीन लगाएं।
● गर्भावस्था में हवाई यात्रा से बचें।
● नियमित रुप से चिकित्सकीय परामर्श लेते रहें।
● धूम्रपान न करें। सेकेंड हैंड स्मोक से बचें।
● पर्याप्त नींद लें।
● कार में अपनी सीट बैल्ट अवश्य लगाये।
● चिकित्सीय परामर्श के बिना ओवर-द-काउंटर दवाओं या हर्बल उपचार न लें।
● अपने दंत चिकित्सक से भी परामर्श लेवें।
● गर्भावस्था की शिक्षा लें।
● प्रतिदिन सरल शारीरिक व्यायाम का अभ्यास करें (योग, स्ट्रेचिंग, गहरी साँस लेना, मालिश)।
● व्यायाम करें, लेकिन इसे ज़्यादा न करें।
पैर में ऐंठन से बचने के लिए सोने से पहले थोड़ा टहलें।