तेरहवां श्लोक अध्याय 1 (श्रीमद्भागवत गीता)

श्रीमद्भागवत गीता हिन्दी में

ततः शङ्खाश्च भेर्यश्च पणवानकगोमुखाः ।

सहसैवाभ्यहन्यन्त स शब्दस्तुमुलोऽभवत् ॥१३॥


अर्थ:

तत्पश्चात् शंख, नगाड़े, बिगुल, तुरही तथा सींग सहसा एक साथ बज उठे। वह समवेत स्वर अत्यन्त कोलाहलपूर्ण था।


तात्पर्य :

यह धर्म युद्ध का आरंभ हो गया था। सभी प्रकार के आवाहन वाद्ययंत्र एक साथ बजाए जाने से युद्धभूमि का वातावरण अत्यंत शोर वाला हो गया था। इस प्रकार दोनो पक्षों के योद्धा युद्धभूमि में अपना अपना रणकौशल प्रस्तुत करने के लिए तत्पर थे।