धृष्टकेतुश्चेकितानः काशिराजश्च वीर्यवान् ।
पुरुजित्कुन्तिभोजश्च शैब्यश्च नरपुङ्गवः ॥५॥
अर्थ:
इनके साथ ही धृष्टकेतु, चेकितान, काशिराज, पुरुजित्, कुन्तिभोज तथा शैब्य जैसे महान शक्तिशाली योद्धा भी हैं।
तात्पर्य :
शारीरिक और आध्यात्मिक दृष्टि से नैत्रहीन धृतराष्ट्र युद्धभूमि की वास्तविकता जानने को उत्सुक है। संजय धृतराष्ट्र को बताते हैं कि कौन कौन से महान योद्धा युद्धभूमि में डटे हैं।